मेवाड़ क्षेत्र में भारत के राजस्थान राज्य में, चार दक्षिणी ज़िले निहित हैं, क्रमश: उदयपुर, चित्तौड़गड़, राजसमंद और भीलवाड़ा। मेवाड़ क्षेत्र 74° व 75.5° पुर्व देशांतर और 24° व 26° उत्तरी रेखांतर के मध्य स्थित है। मेवाड़ में मैदानी इलाके व पर्वतीय इलाके दोनों ही पाए जाते हैं। यह सम्पूर्ण प्रदेश अरावली पर्वतमाला के द्वारा राजस्थान के थार मरुस्थल से बाँट दिया जाता है।
अपनी कृषि आवश्यकताओं के लिए इस प्रदेश को वर्षा पर ही निर्भर रहना पड़ता है। लोग मुख्यत: गेहूँ, मक्का, सरसों, दालें आदि उपजाते हैं। खेती ज्यादातर वर्षा और प्राकृतिक जल स्त्रोतों पर निर्भर रहती है। इस प्रदेश में खेती के लिए पानी की किल्लत एक मुख्य चुनौती है।
संपूर्ण रुप से यदि देखा जाए तो इस प्रदेश में एक सूखा मौसम देखा जा सकता है। शीत ऋतु दिसम्बर से फ़रवरी तक रहती है व इसके बाद ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ हो जाती है जो कि लगभग जून के मध्य तक बनी रहती है। मध्य जून से मध्य अक्टूबर दक्षिण-पश्चिमी मानसून का मौसम रहता है। मानसून के बाद का समय अर्थात् मध्य सितंबर से नवम्बर के अंत तक का समय मानसून से शीत परिस्थितियों के परिवर्तन का समय रहता है।